S.M. Krishna: A Political Titan Bids Farewell: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत के प्रमुख राजनेता, सोमन्नहल्ली मल्लैया कृष्णा (एस.एम. कृष्णा), का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। कर्नाटक सरकार ने उनकी याद में बुधवार को सभी शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी कार्यालयों के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। उनके अंतिम संस्कार की रस्में उनके गृहनगर मडुरु में पूरे राजकीय सम्मान के साथ आयोजित की जाएंगी।
S.M. Krishna: A Political Titan Bids Farewell
तीन दिन का शोक और राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा
कर्नाटक सरकार ने एस.एम. कृष्णा के सम्मान में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान सभी सार्वजनिक मनोरंजन कार्यक्रमों पर रोक रहेगी और सरकारी इमारतों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। राज्य के उपमुख्यमंत्री और एस.एम. कृष्णा के पारिवारिक सदस्य डी.के. शिवकुमार अंतिम संस्कार की तैयारियों को देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एस.एम. कृष्णा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“श्री एस.एम. कृष्णा जी एक अद्वितीय नेता थे, जिन्होंने हमेशा दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम किया। उन्हें कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के लिए विशेष रूप से याद किया जाएगा, जब उन्होंने बेंगलुरु के बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया।”
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि वे एस.एम. कृष्णा से कई बार मिले और उन पलों को संजोएंगे।
कर्नाटक की प्रगति के शिल्पकार
एस.एम. कृष्णा का नाम कर्नाटक के आईटी और बायोटेक (BT) उद्योगों के विकास के साथ जोड़ा जाता है। उन्होंने “ब्रांड बेंगलुरु” को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए उद्योग और सरकार के बीच मजबूत साझेदारी बनाई।
उनका कार्यकाल सुधारवादी दृष्टिकोण और विकास पर केंद्रित था, खासकर उस समय जब राजनीति में जातिवाद और लोकलुभावन नीतियों का बोलबाला था।
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विदेश मंत्री के रूप में कार्यकाल
2009 से 2012 तक एस.एम. कृष्णा ने यूपीए सरकार में विदेश मंत्री के रूप में सेवा की। इस दौरान उन्होंने भारत की कूटनीति को मजबूती से संभाला, विशेष रूप से 26/11 के मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान से जवाबदेही की मांग के समय।
उनके कार्यकाल की मुख्य उपलब्धियों में शामिल हैं:
- भारत-अमेरिका सामरिक संवाद: उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के साथ मिलकर तीन दौर की बातचीत का नेतृत्व किया।
- भारत-पाकिस्तान संवाद: उन्होंने पाकिस्तान के साथ संवाद प्रक्रिया को पुनः आरंभ किया और वहां के विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के साथ मजबूत संबंध बनाए।
- पासपोर्ट सेवा परियोजना: उन्होंने पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया को सरल और तेज़ बनाने के लिए इसे निजी क्षेत्र के साथ मिलकर डिजिटल रूप दिया।
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व्यक्तित्व और गफ़्स
- एस.एम. कृष्णा को उनकी शांत और सौम्य कार्यशैली के लिए जाना जाता था, लेकिन उनके कार्यकाल में कुछ गफ़्स भी हुए।
- 2011 में संयुक्त राष्ट्र की बैठक में उन्होंने गलती से पुर्तगाल के विदेश मंत्री का भाषण पढ़ दिया।
- एक बार राज्यसभा में उन्होंने पाकिस्तान जेल में बंद एक भारतीय कैदी के मामले को गलत समझ लिया।
- हालांकि, इन चूकों के बावजूद, उनके सुधारवादी दृष्टिकोण और कार्यशैली ने उन्हें एक सम्मानित नेता बनाए रखा।
कर्नाटक और भारत के लिए योगदान
- एस.एम. कृष्णा के योगदान को कर्नाटक और भारत हमेशा याद रखेंगे।
- ब्रांड बेंगलुरु: उनके नेतृत्व में बेंगलुरु ने एक आईटी हब के रूप में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की।
- विदेश नीति: उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भारत की विदेश नीति को कुशलता से संभाला।
- गवर्नर: महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भी उनकी सेवाएं सराही गईं।
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उनकी विरासत
एस.एम. कृष्णा ने दिखाया कि कैसे एक राजनेता सुधारों और विकास को प्राथमिकता देकर अपने राज्य और देश के लिए अमूल्य योगदान दे सकता है। उनके निधन से भारत ने एक ऐसा नेता खो दिया है जिसने राजनीति को सेवा का माध्यम माना।
आपकी यादें और योगदान अमर रहेंगे। ओम शांति।
T. Yuvraj Singh is a dedicated journalist passionate about delivering the latest news and insightful analysis. With a strong background in media, he aims to engage readers through accurate and thought-provoking stories. When not writing, Yuvraj enjoys reading and exploring global affairs. Follow him for fresh perspectives on current events.