फैक्ट चेक: जबलपुर में दलित बच्चों की पिटाई का वायरल वीडियो—सच क्या है?
भूमिका
“Jabalpur Viral Video Truth or Fake?” सोशल मीडिया आज जहां सूचनाओं के प्रसार का सशक्त माध्यम बन चुका है, वहीं यह अफवाहों और झूठी खबरों का अड्डा भी बन गया है। हाल ही में एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें कुछ बच्चों को रस्सी से बांधकर बेरहमी से पीटते हुए दिखाया गया। इस वीडियो के साथ दावा किया गया कि यह घटना मध्यप्रदेश के जबलपुर की है और पीड़ित दलित समुदाय के बच्चे हैं। वीडियो को देखते ही लोगों में आक्रोश फैल गया और कई राजनीतिक नेताओं ने भी इसे शेयर कर घटना की निंदा की।
लेकिन क्या यह वीडियो वास्तव में जबलपुर का है? क्या यह ताजा घटना है या किसी पुराने मामले को नया रंग देकर फैलाया जा रहा है? आइए जानते हैं इस पूरे वायरल वीडियो की सच्चाई।
वायरल वीडियो का दावा क्या है?
वीडियो में एक व्यक्ति कुछ बच्चों को रस्सी से बांधकर उन्हें पीटता हुआ नजर आता है। बैकग्राउंड में बच्चों की चीख-पुकार और डर साफ तौर पर देखा जा सकता है। इस वीडियो के साथ सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया:

“जबलपुर में दलित बच्चों को कुएं से पानी पीने पर बांधकर पीटा गया। यह अत्याचार कब तक चलेगा?”
इस क्लेम के साथ #DalitLivesMatter, #JabalpurHorror जैसे हैशटैग्स का इस्तेमाल किया गया, जिससे यह तेजी से ट्रेंड करने लगा।
Goto Homepage
“Jabalpur Viral Video Truth or Fake?”
राजनीतिक प्रतिक्रिया
कई राजनीतिक हस्तियों ने इस वीडियो को शेयर करते हुए सरकार पर निशाना साधा। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी इस वीडियो को ट्वीट कर सरकार की निंदा की, हालांकि बाद में उन्होंने पोस्ट हटा दिया। इसके अलावा कुछ पत्रकारों और एक्टिविस्ट्स ने भी बिना जांच-पड़ताल किए इस वीडियो को रीपोस्ट कर दिया।
फैक्ट चेक: सच्चाई क्या है?
Factchecktimes की फैक्ट-चेकिंग टीम ‘सजग’ और PTI Fact Check ने इस वीडियो की बारीकी से जांच की। उन्होंने निम्नलिखित पहलुओं को ध्यान में रखा:
- वीडियो का रिवर्स इमेज सर्च
- वीडियो के स्क्रीनशॉट्स को रिवर्स सर्च करने पर पाया गया कि यह वीडियो 2023 का है, न कि 2025 का।
- यह घटना जबलपुर की नहीं, बल्कि किसी अन्य राज्य की है।
- प्रशासनिक बयान
- जबलपुर पुलिस अधीक्षक (SP) ने भी स्पष्ट किया कि इस तरह की कोई घटना जिले में रिपोर्ट नहीं की गई है।
- वीडियो में दिख रही पृष्ठभूमि और बोली स्थानीय नहीं है, जिससे साफ है कि यह जबलपुर का वीडियो नहीं है।
- पुराना वीडियो, नया प्रोपेगेंडा
- कई फैक्ट-चेकिंग प्लेटफॉर्म्स ने पुष्टि की कि यह वीडियो लगभग 10 महीने पुराना है और इसे जबरन नया और ताजा दिखाकर वायरल किया गया।
“Jabalpur Viral Video Truth or Fake?”
स्रोत:
- Factchecktimes
- PTI Fact Check
- यह अफवाह कैसे फैली?
- यह घटना एक केस स्टडी बन गई है कि कैसे:
- कोई पुराना वीडियो निकाला जाता है
- उसे भावनात्मक और जातीय रंग दिया जाता है
- राजनीतिक लाभ या समाज में तनाव फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है
यह एक सुनियोजित डिजिटल प्रोपेगेंडा का हिस्सा हो सकता है, जहां संवेदनशील मुद्दों पर लोगों की भावनाएं भड़काकर समाज को बांटने की कोशिश की जाती है।
इससे क्या नुकसान हुआ?
- समाज में तनाव: वीडियो देखकर जातीय तनाव पैदा हुआ। कई जगहों पर गुस्से में विरोध प्रदर्शन की कोशिशें हुईं।
- प्रशासन की छवि धूमिल: बिना सच्चाई जाने स्थानीय पुलिस पर सवाल उठाए गए।
- राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश: कुछ नेताओं ने इस मुद्दे को तूल देकर सस्ती लोकप्रियता बटोरनी चाही।
- सोशल मीडिया पर भ्रम: हजारों लोग इस वीडियो को सच मान बैठे, जिससे अफवाह और बढ़ी।
“Jabalpur Viral Video Truth or Fake?”
कानूनी पहलू
भारत में आईटी अधिनियम और आईपीसी की धाराएं उन लोगों पर लागू होती हैं जो जानबूझकर झूठी खबरें फैलाते हैं। यदि किसी ने इस वीडियो को गलत उद्देश्य से फैलाया है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
जनता को क्या करना चाहिए?
- कभी भी कोई वायरल वीडियो या पोस्ट बिना जांच के शेयर न करें।
- हमेशा विश्वसनीय फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट्स से पुष्टि करें।
- यदि कोई झूठी या भ्रामक जानकारी दिखे, उसे रिपोर्ट करें।
- संवेदनशील मुद्दों पर सतर्क रहें और अफवाहों का हिस्सा न बनें।
निष्कर्ष
इस पूरे मामले से यह स्पष्ट होता है कि सोशल मीडिया पर फैल रही हर खबर सच नहीं होती। किसी पुरानी घटना को जबरन ताजा बताकर समाज में तनाव फैलाना खतरनाक है। हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम जागरूक नागरिक बनें और ऐसी भ्रामक जानकारियों को फैलने से रोकें।
सोचें, जांचें और फिर साझा करें।

T. Yuvraj Singh is a dedicated journalist passionate about delivering the latest news and insightful analysis. With a strong background in media, he aims to engage readers through accurate and thought-provoking stories. When not writing, Yuvraj enjoys reading and exploring global affairs. Follow him for fresh perspectives on current events.