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Iran Israel War Live Updates: 25 मिनट में 181 मिसाइलें दागीं

25 मिनट में 181 मिसाइलें दागीं

Iran Israel War Live Updates
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Iran Israel War Live Updates: हाल ही में ईरान द्वारा इज़राइल पर किया गया मिसाइल हमला मध्य पूर्व के जटिल और तनावपूर्ण राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इस हमले ने केवल दो देशों के बीच के संबंधों को प्रभावित नहीं किया, बल्कि पूरे क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को भी खतरे में डाल दिया है। आइए इस घटना के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से नजर डालते हैं।

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ईरान का मिसाइल हमला

ईरान ने 1 अक्टूबर 2024 को इज़राइल पर लगभग 200 मिसाइलें दागीं। यह हमला तब हुआ जब इज़राइल ने ईरान समर्थित हिज़्बुल्लाह पर बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई की थी। ईरान ने इस हमले को इज़राइल द्वारा अपने शीर्ष सैन्य नेताओं की हत्या का प्रतिशोध बताया, जिसमें एक प्रमुख गार्ड कमांडर भी शामिल था।

हमले के दौरान की स्थिति

ईरान की ओर से किए गए इस हमले ने इज़राइल में व्यापक सुरक्षा अलार्म का कारण बना। लाखों नागरिकों को सुरक्षित स्थानों की ओर भागना पड़ा। इज़राइल की सेना ने त्वरित प्रतिक्रिया दी, और बाद में नागरिकों को आश्वासन दिया कि स्थिति अब नियंत्रण में है। हालांकि, ईरान ने अपने हमले की गंभीरता को और बढ़ाते हुए चेतावनी दी कि यदि इज़राइल ने जवाबी कार्रवाई की, तो उनके बुनियादी ढांचे पर और भी गंभीर हमले होंगे।

इज़राइल का जवाब

इज़राइल ने ईरान के हमले के बाद कड़ी प्रतिक्रिया देने की घोषणा की। देश के प्रधानमंत्री, बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को चेतावनी दी कि इस हमले का परिणाम गंभीर होगा। इज़राइल ने अपने सैन्य बलों को अलर्ट पर रखा और यह सुनिश्चित किया कि उनकी मिसाइल रक्षा प्रणाली सक्रिय रहे।

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अंतरराष्ट्रीय समर्थन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इज़राइल का समर्थन किया और कहा कि ईरान का हमला असफल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने इज़राइल की रक्षा के लिए अपने सैन्य संसाधनों को सक्रिय किया है। अन्य देशों, जैसे कि फ्रांस और जापान, ने भी ईरान के हमले की कड़ी निंदा की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस तनाव को लेकर चिंतित है।

क्षेत्रीय और वैश्विक प्रतिक्रिया

अंतरराष्ट्रीय नेताओं की स्थिति

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने ईरान के हमले की निंदा की और स्थिति को शांत करने की अपील की। उनका मानना है कि इस तरह के हमले से न केवल इज़राइल, बल्कि पूरे क्षेत्र की स्थिरता को खतरा है।

युद्ध का खतरा

विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना के बाद मध्य पूर्व में युद्ध की संभावना बढ़ गई है। ईरान ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि यदि इज़राइल ने और आक्रमण किया, तो उनकी प्रतिक्रिया और भी तीव्र होगी। इसके साथ ही, अमेरिका और उसके सहयोगियों को भी ईरान के जवाबी हमलों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।

निष्कर्ष

ईरान का इज़राइल पर किया गया यह हमला न केवल द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करता है, बल्कि यह क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए भी गंभीर चिंता का विषय है। दोनों पक्षों के बीच बढ़ते तनाव और कड़े बयानों ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। अब यह देखना होगा कि क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस संकट को शांत करने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा या यह संघर्ष और बढ़ेगा।

इस घटनाक्रम से एक बात स्पष्ट है: मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता की संभावना अत्यंत नाजुक है, और प्रत्येक कार्रवाई के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।

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