अग्रिम राशि लौटाने से इनकार का आरोप अभिनेता विजय राज ने फिल्म ‘सन ऑफ सरदार 2’ से निकाले जाने के विवाद पर खुलासा किया है कि उनका अग्रिम राशि लौटाने से इनकार मुख्य कारण था। विजय राज ने बताया कि 4 अगस्त को उन्हें फिल्म छोड़ने के लिए कहा गया, और यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि उन्होंने अग्रिम राशि लौटाने से इनकार कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्माता उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने और उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश कर रहे हैं।
विजय राज ने ‘सन ऑफ सरदार 2’ विवाद पर खोली
पेशेवर शिष्टाचार की अवहेलना विजय राज ने कहा कि निर्माताओं ने पेशेवर शिष्टाचार का उल्लंघन किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर वह खुद फिल्म छोड़ते, तो अग्रिम राशि वापस कर देते। लेकिन चूंकि उन्हें फिल्म से निकाल दिया गया, उन्होंने पैसे लौटाने की कोई आवश्यकता नहीं मानी। यह स्थिति उनके पेशेवर सम्मान और शिष्टाचार पर गंभीर सवाल उठाती है।
यूके में कमरे की व्यवस्था पर विवाद
विजय राज ने यूके में शूटिंग के दौरान कमरे की व्यवस्था को लेकर शिकायत की। 3 अगस्त को जब वह वहां पहुंचे, तो उन्हें एक छोटे और भीड़भाड़ वाले कमरे में ठहराया गया। उन्होंने फिल्म के कार्यकारी निर्माता आशीष से बड़े कमरे की मांग की, ताकि वह सुबह योग कर सकें। आशीष ने आश्वासन दिया था कि यह व्यवस्था की जाएगी, लेकिन उनकी शिकायतों का समाधान नहीं हुआ।
सेट पर उत्पन्न समस्याएं
सेट पर पहुंचने के बाद विजय राज ने कई समस्याओं का सामना किया। उन्होंने बताया कि सेट पर पहुंचने के बाद अचानक उन्हें फिल्म से निकालने का आदेश मिला। निर्माता कुमार मंगत ने उनकी वैन में आकर कहा कि उनकी समस्या है और उन्हें तुरंत चले जाने के लिए कहा। उन्होंने अपने स्पॉट बॉय की फीस और कमरे के किराए को लेकर भी शिकायत की, जो उन्होंने फिल्म जॉइन करने से पहले तय किए गए थे।
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अजय देवगन को अनदेखा करने का आरोप
विजय राज ने यह भी स्पष्ट किया कि अजय देवगन को अनदेखा करने का आरोप पूरी तरह से गलत था। उन्होंने कहा कि सेट पर वह निर्देशक, रवि किशन और कैमरामैन असीम बजाज के साथ बातचीत कर रहे थे, जबकि अजय देवगन सेट पर किसी और से बात कर रहे थे। विजय राज ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें सेट पर नहीं जाना था क्योंकि उनकी शूटिंग किसी और जगह होनी थी।
अपमान और उद्योग में सम्मान
अभिनेता विजय राज ने निर्माताओं के व्यवहार पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी मेहनत और सम्मान के साथ खिलवाड़ किया गया। उन्होंने कहा, “मैंने कड़ी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है और इस तरह की स्थिति में मुझे अपमानित किया गया। ऐसा नहीं होना चाहिए। किसी के जीवन और प्रतिष्ठा के साथ इस तरह का खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।”
विजय राज का यह बयान फिल्म उद्योग में पेशेवर शिष्टाचार और सम्मान की महत्वपूर्णता को रेखांकित करता है। उनका अनुभव दर्शाता है कि कैसे उद्योग में किसी कलाकार को अपमानित करना और उसकी मेहनत की अनदेखी करना एक गंभीर समस्या हो सकती है। यह विवाद न केवल विजय राज के करियर को प्रभावित करता है, बल्कि फिल्म उद्योग में पेशेवर व्यवहार की नीतियों पर भी सवाल उठाता है।
विशेष
भारतीय सिनेमा में ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां अभिनेताओं को उनकी पेशेवर योग्यताओं के बजाय व्यक्तिगत असहमति या कथित अनादर के कारण परियोजनाओं से बाहर रखा गया। उदाहरण के लिए, ऐसी रिपोर्टें हैं कि एक अभिनेता को कथित तौर पर एक फिल्म से सिर्फ इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उसने साथी अभिनेता को पारंपरिक “नमस्ते” का अभिवादन नहीं किया था। इस तरह की प्रथाएं उद्योग के एक परेशान करने वाले पहलू को उजागर करती हैं, जहां व्यक्तिगत संघर्ष योग्यता और व्यावसायिकता को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे करियर और परियोजना की गतिशीलता प्रभावित होती है।
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