“Om Prakash Chautala का निधन: Haryana politics का एक युग समाप्त”

Om Prakash Chautala का निधन: हरियाणा के पाचं बार मुख्यमंत्री और जनता के नेता

Om Prakash Chautala का निधन: ओम प्रकाश चौटाला, हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे और राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ के लिए जाने जाते थे। शुक्रवार को 89 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट से उनका निधन हो गया। चौटाला हरियाणा की राजनीति में 1980 के दशक से 2000 तक एक बड़ा नाम थे।

Om Prakash Chautala का निधन: Haryana politics का एक युग समाप्त
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उनके राजनीतिक करियर में पांच बार मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। उनकी सबसे छोटी पारी पांच दिन की रही, जबकि सबसे लंबी पारी पांच साल की थी। वे चौधरी देवी लाल के बेटे थे, जो देश के उप-प्रधानमंत्री भी रहे। चौटाला का करिश्माई व्यक्तित्व और जमीनी जुड़ाव उन्हें जनता के बीच बेहद लोकप्रिय बनाता था।


हरियाणा में स्कूल बंद, तीन दिन का शोक घोषित

ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर हरियाणा में तीन दिन का शोक घोषित किया गया है। राज्य सरकार ने 20 दिसंबर से 22 दिसंबर तक राजकीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान सभी सरकारी दफ्तरों और स्कूलों में 21 दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश रहेगा।

सरकारी आदेश:

हरियाणा के शिक्षा निदेशालय ने एक नोटिस जारी करते हुए कहा, “राज्य के मुख्य सचिव से प्राप्त आदेशानुसार, 20 दिसंबर को पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर तीन दिन का शोक मनाया जाएगा। इसके तहत सभी सरकारी स्कूलों और दफ्तरों में अवकाश घोषित किया गया है।”

शोक के दौरान राज्य में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया गया है। सभी सरकारी समारोह रद्द कर दिए गए हैं और किसी भी प्रकार का आधिकारिक मनोरंजन नहीं होगा।

Om Prakash Chautala का निधन

चौटाला और बादल परिवार: राजनीति से पारिवारिक संबंध

ओम प्रकाश चौटाला और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के परिवारों के बीच करीब 50 सालों का गहरा रिश्ता रहा है। यह रिश्ता 1974 के रोड़ी उपचुनाव और आपातकाल के दौरान पुख्ता हुआ।

चौटाला और बादल परिवार
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राजनीतिक और पारिवारिक सहयोग:

1974 के रोड़ी उपचुनाव में चौधरी देवी लाल को कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित करने में बादल परिवार ने अहम भूमिका निभाई। उस समय प्रकाश सिंह बादल ने देवी लाल को चुनावी मैदान में उतरने के लिए राजी किया और उनकी मदद के लिए अपनी Ambassador कार और फंड भी दिया।

हालांकि, 2016 में सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर विवाद के चलते इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के बीच राजनीतिक मतभेद हुए, लेकिन पारिवारिक रिश्ते जस के तस बने रहे।

संयुक्त स्मारक:

देवी लाल के निधन के बाद 2001 में प्रकाश सिंह बादल ने पंजाब-हरियाणा सीमा के किलियांवाली गांव में देवी लाल की मूर्ति स्थापित की। 2023 में प्रकाश बादल के निधन के बाद, चौटाला के पोते और हरियाणा के तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बादल की मूर्ति भी वहीं स्थापित की, इसे दोनों राज्यों के भाईचारे का प्रतीक बताया।

Om Prakash Chautala का निधन

किसानों और गरीबों के लिए संघर्ष

चौटाला और बादल दोनों ने अपने-अपने राज्यों में किसानों और गरीबों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल और उनके परिवार ने हमेशा उनके परिवार को समर्थन दिया, खासकर आपातकाल के दौरान जब देवी लाल और बादल दोनों को 19 महीने की जेल हुई थी।

सुखबीर बादल की श्रद्धांजलि:

चौटाला के निधन पर SAD प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, “वे किसानों और गरीबों के सच्चे नेता थे। उनका जाना समाज और खासकर किसानों के लिए एक बड़ी क्षति है। हमारे परिवार के लिए यह व्यक्तिगत नुकसान भी है।”

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चौटाला की विरासत

राजस्थान के बीकानेर से हरियाणा के सिरसा जिले के चौटाला गांव में बसे इस परिवार का हरियाणा की राजनीति में बड़ा योगदान रहा है। चौधरी देवी लाल से लेकर दुष्यंत चौटाला तक, इस परिवार ने राजनीति में कई ऊंचाइयां देखी हैं।

चौटाला का निधन हरियाणा के राजनीतिक और सामाजिक जीवन के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके संघर्ष, नेतृत्व और जनता से जुड़ाव को हमेशा याद किया जाएगा।

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