भारत बंद: दलित और आदिवासी संगठनों ने शुरू की देशव्यापी हड़ताल 21 अगस्त को आह्वान दलित और आदिवासी संगठनों ने आज, 21 अगस्त को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। यह हड़ताल हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर की जा रही है।
भारत बंद: दलित और आदिवासी संगठनों ने शुरू की देशव्यापी हड़ताल
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विरोध
हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति (एससी) आरक्षण पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था, जिसे दलित और आदिवासी संगठनों ने अस्वीकार कर दिया है। उनके अनुसार, यह फैसला ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दिए गए फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण के लिए रूपरेखा स्थापित की थी।
संगठनों और दलों का समर्थन
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस, और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस बंद का समर्थन किया है। झामुमो ने अपने सभी नेताओं, जिला अध्यक्षों, सचिवों, और जिला समन्वयकों से हड़ताल में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की है। झामुमो महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का हालिया फैसला एससी/एसटी वर्गों के उत्थान में बाधा डाल सकता है।
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राजद के प्रदेश महासचिव और मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने भी पार्टी के समर्थन की पुष्टि की है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने भी कांग्रेस के समर्थन की पुष्टि की है।
बहुजन समाज पार्टी और वामपंथी दलों का समर्थन
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी इस बंद को अपना समर्थन दिया है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा और कांग्रेस आरक्षण समाप्त करने के लिए मिलीभगत कर रहे हैं और आरक्षण की आवश्यकता को समझना चाहिए। वामपंथी दलों ने भी हड़ताल के आह्वान का समर्थन किया है।
इस प्रकार, 21 अगस्त को देशभर में विभिन्न दलों और संगठनों द्वारा हड़ताल की जा रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जातियों और जनजातियों के अधिकारों की रक्षा और उनके सशक्तिकरण की दिशा में कदम उठाना है।
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