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भारत के ‘मिसाइल मैन’- डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की ९वी पुण्यतिथि

भारत के ‘मिसाइल मैन’- डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की ९वी पुण्यतिथि – आज डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की ९वी पुण्यतिथि है, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का नाम भारतीय इतिहास में एक ऐसा नाम है जिसने लाखों भारतीयों के दिलों में अपनी अनमोल जगह बनाई है। उनकी पुण्यतिथि के इस मौके पर, हम उनके जीवन और उनके योगदान को स्मरण करते हैं और उनकी महानता को सलामी अर्पित करते हैं।

भारत के ‘मिसाइल मैन’- डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की ९वी पुण्यतिथि

Image Source: Gettyimages

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनके पिता जनाब जलालुद्दीन और मां बीवी अशियाम्मा की मेहनत और उनके जीवन की कठिनाइयों से प्रेरित होकर, वे अपने सपनों को पूरा करने में सफल रहे। उन्होंने अपने जीवन में वैज्ञानिक और शिक्षाविद के रूप में अनेक दर्शनीय कार्य किए और राष्ट्रपति के रूप में भी देश की सेवा की।

अब्दुल कलाम ने अपनी शिक्षा को बड़े ही समर्पण भाव से पूरा किया। उन्होंने मित्ती के लिए अपनी जिन्दगी की आर्थिक अवधारणा छोड़ दी और इंजीनियरिंग में मास्टर्स और उसके बाद एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त करने के बाद, वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में शामिल हुए।

अब्दुल कलाम का प्रेरणादायक जीवन और उनके दृष्टिकोण का सम्मान करते हुए, उन्होंने अनेक कौशल, जैसे अनुसंधानकर्ता, वैज्ञानिक, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, और अंततः राष्ट्रपति के रूप में भी नेतृत्व प्रदान किया। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को अनेक महत्वपूर्ण मिले स्थान तक पहुँचाया।

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अब्दुल कलाम का व्यक्तित्व और सोच हमेशा लोगों को प्रेरित करता रहा है। उनकी सादगी, विश्वास, और समर्पण ने उन्हें देश और दुनिया भर में एक महान व्यक्तित्व बना दिया। उन्होंने युवाओं को स्वप्न देखने, सपने पूरे करने की प्रेरणा दी और उन्हें वैज्ञानिक तथा तकनीकी क्षेत्र में अपनी क्षमताओं का परिचय दिया।

भारत के ‘मिसाइल मैन’- डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की ९वी पुण्यतिथि

उनके नेतृत्व में भारत ने 1998 में पोकरण आधारित परमाणु परीक्षण का सफलतापूर्वक सम्पन्न किया। उनके इस कामकाज को भारतीयों ने गर्व से स्वीकार किया और उन्हें देशभक्ति और विज्ञान के प्रती उनकी अद्वितीय भावना का प्रतीक माना।

अब्दुल कलाम की जीवनी में अद्वितीय रूप से उनके राष्ट्रपति के कार्यकाल की चर्चा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने 2002 से 2007 तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया, जिसके दौरान उन्होंने अपने प्रेरणादायक विचारों और विश्वासों को राष्ट्र के हर कोने तक पहुँचाया।

अब्दुल कलाम ने अपने संघर्षों और सफलताओं के बावजूद कभी गर्व से नहीं थामी। उन्होंने हमेशा विश्वास किया कि विज्ञान और तकनीक के माध्यम से दुनिया में अच्छाई और प्रगति का द्वार खुलता है। उनकी किताबें, उनके विचार, और उनकी बातें आज भी हमें उनकी दृष्टि और सोच के प्रति प्रेरित करती हैं।

अब्दुल कलाम की मृत्यु के बाद, उनकी यादें और उनके योगदान भारत की स्थायी धरोहर बन गए हैं। उनकी अद्वितीय प्रेरणा और उनके संघर्ष ने लोगों को सकारात्मकता की ओर प्रेरित किया है। उनके स्मरण को आज भी सलामी अर्पित करते हैं और उनके विचारों को अपनाकर देश की प्रगति में योगदान देने की दिशा में हमें आगे बढ़ना चाहिए।

इस दिन को डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की याद में समर्पित करते हुए, हम सभी को उनकी महानता को याद करने और उनके जीवन को अपने जीवन के आदर्श के रूप में स्वीकार करने की प्रेरणा लेनी चाहिए। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि सपने हमेशा बड़े होते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए हमें कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है।

इस ब्लॉग के माध्यम से, हम डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के जीवन और उनके योगदान को समर्थन और सम्मान देते हैं। उनकी यादों को हमेशा जीवित रखने के लिए हम सभी एक समर्थन बनते हैं और उनके विचारों को अपने दिनचर्या में सम्मिलित करते हैं। उनकी महानता और उनके देश के प्रति समर्पण को सलामी अर्पित करते हैं।

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