प्रश्न १ १५ अगस्त १९४७ देश को आजादी मिली क्या सच में या देश का बटवारा हुआ?
प्रश्न २ बचपन से इस दिन को celebrate किया या करवाया गया?
ऐसे ही प्रश्न आज नही कल आप के भी दिमाग में थे या आए होंगे या आयेंगे।
क्या सच में १५ अगस्त १९४७ को देश आजाद हुआ था तो चलिए कुछ फैक्ट की जांच करते हैं factchecktimes.com के साथ – कल १४ अगस्त को भी एक देश ने अपना स्वतंत्रता दिवस मनाया था अगर आप आज १५ अगस्त को सेलिब्रेट कर रहे है तो मुझे उस जगह का नाम बताना नही पड़ेगा । सभी समझदार है तो अगर कोई थोड़ा सा भी समझदार होगा तो वह अच्छी तरह जानता होगा या समझ जाएगा की आजादी हमे किस्से मिली थी या ये हमारे लिए आजादी थी या बटवारा । भले ही शरीर के किसी हिस्से में कोई बीमारी ही क्यों न जाए या किसी दुर्घटना की वजह से शरीर के उस हिस्से को डॉक्टर अलग कर दे क्या हम इसे आसानी से स्वीकार कर पाएंगे नही कर पाएंगे। आज सभी बिना किसी विचार के इस दिन सेलिब्रेट कर रहे हैं स्कूल में हो, दफ्तर में हो या किसी भी काम से जुड़े हो या न हो सब में इस दिन को लेकर उत्साह होता है पर उत्साह किस बात का खुद से पूछ कर देखिए।
क्या सच में १५ अगस्त १९४७ को देश आजाद हुआ था
अगर पड़ोसी इस दिन को सेलिब्रेट कर रहे हैं तो उनके लिए शायद ये आजादी दिवस हो सकता है, वर्तमान सरकार भोली तो नही पर क्या ही कर सकती है। खैर आज का दिन ७८वा स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है कहने को आज के दिन हमे अंग्रेजो से आजादी मिली थी कुछ ४०,००० अंग्रेजो ने हम पर राज किया था उस वक्त हम आबादी में ३० करोड़ थे ये बड़ी ही शर्मनाक बात है मेरे हिसाब से अब बाकी मेरे पढ़ने वाले उनका ओपिनियन कमेंट बॉक्स में रख सकते हैं।
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खैर आगे चलते है तो हम थे भारत की स्वतंत्रता के विषय पर जो हमे मिल गई और हम सभी बेहद खुश है अपने शरीर का एक हिस्सा खोकर।
ज़रा इस पढ़ ले- सुनेंसीरिल रेडक्लिफ की खींची इस एक लकीर ने दोनों देशों के हिंदुओं और मुसलमानों के बीच कभी खत्म नहीं होने वाली खाई पैदा कर दी. अंग्रेजों ने पाकिस्तान को 14 अगस्त 1947 को आजाद मुल्क घोषित कर दिया था और 15 अगस्त 1947 को हिंदुस्तान ने आजादी का जश्न मनाया। आपने इसे पढ़ लिया होगा मैं नही मानता क्या बकवास है मतलब ऐसे कोन लिखता है अजीब सी बाते “कभी न खतम होने वाली खाई” ये फैसला लेने वाले थे कुछ महान और समझदार लोग यार हद करते हो अंग्रेजो पर इसका इल्जाम थोप दिया। खैर हम भारतीयों को क्या हम तो जश्न मना ही रहे हैं चाहे मन हो या न हो क्या कर सकते है थोपा जो गया है।
पाकिस्तान का नाम पाकिस्तान कैसे पड़ा
बस इस दिन पावर ट्रांसफर हुआ था कुछ ऐसे हाथो में जो शायद कुछ जादा हो क्लोज रहे होंगे जाहिर सी बात है मैं तो टच में नही था ट्रांसफर लेने के लिए तो जो क्लोज होंगे उन्हें पावर मिल जायेगा तो पावर ट्रांसफर के इस कार्य को देश की आजादी से जोड़ना था तो क्या करते इंडिया से एक स्थान को अलग कर दिया गया जिसे अलग करके पाक माना गया और अलग तो होना ही था क्यों की वो तो पाक हुआ ना अलग तो होगा ही अब वो कितने खुश है वो ही जानते होंगे। इस तरह इस अलग हुए हिस्से का नाम पाकिस्तान रख दिया गया अब वो कितने पाक है आप हम और सारी दुनिया जानती ही है।
और हाल ही में ३२ सालो के बात पाक को उसका ओलंपिक गोल्ड भी अरशद नदीम ने दिलाया जैवलिन में नीरज भैया हमारे सिल्वर लेने में सफल रहे तो पाक भाईयो सेलिब्रेशन तो आप लोगो का बनता ही है।
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